टीवी धारावाहिक भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद सुना है हमने कि लग्न सात जन्मों का बंधन हैं… किंतु, आजकल की टीवी धारावाहिकों में तो… पहला पति फिर दूसरा पति, वापस पहला पति!!! जैसे कि एलिजाबेथ टेलर!!! पहले तो माता-पिता कन्यादान करते थे. अभी तो… वर का दान होता है!!! बच्चें अपनी माता, या तो पिता की शादी कराते हैं!!! पति अपनी पत्नी की या फिर पत्नी अपने पति की दूसरी शादी करातें हैं!!! प्रेमी अपनी प्रेमिका की या फिर प्रेमिका अपने प्रेमी की दूसरी शादी करातें हैं!!! नायक नायिका को…
Read MoreDay: October 28, 2020
Top 5 treks in India
We all love traveling, and trekking is one of the most adventures and satisfying part of any ardent travel. Trekking is the most enthralling, way to admire the beauty of any country. An adventurous journey that lets you enter unexplored trails, magnificent peaks, serene forests, and refreshing streams flowing down the mountains mesmerizes the experience of travelers from all over the world. In this article, I am going to tell you about five such popular treks in India which you must visit once in a lifetime. Hampta Pass Trek, Himachal…
Read Moreबबलू का फोन
बबलू का फ़ोन “भाभी बबलू का फ़ोन आया है!” “अभी आई” मैं भाग कर फ़ोन तक पहुँची। अरे! प्यासा ही कुंए के पास जाता है। कुंआ तो चलकर आयेगा नहीं। यहाँ कुंआ यानि एक काले रंग का उपकरण जो लोगों के संचार का माध्यम था जो अमूमन उन दिनों घर में शान का प्रतीक था। हर घर में एक ही होता था। घर के बड़े-बुजुर्गो की तरह ही लीविंग रुम में स्थापित रहता था। उसे भी कुछ वैसा ही सम्मान भी प्राप्त था। वो लंबी घंटी….टुर्र वाली…
Read Moreनहीं चाहिए रंगमहल
मिनी और मोहित मध्यम वर्गीय परिवार के खुशहाल दम्पति थे, ३ वर्ष की बेटी के साथ जीवन भरा पूरा खुशहाल था | लेकिन तब तक जब तक कि मिनी की नजरों पर वो सामने वाला बंगला नहीं चढ़ा था, उस बंगले में कुछ तो जादू था जो देखता मानो उसके मोहपॉश में बंध जाता | ऐसा ही जादू मिनी पर भी चला था, मिनी उसे “रंगमहल” बोलती थी, मिनी के फुर्सत के पल उस बंगले को घंटों निहारने में ही जाते, मिनी अपने पति से हमेशा शिकायत किया करती कि…
Read Moreयादों के साए
। ।।यादों के साये।।। बीते कल की परछाई , क्यों पीछे पीछे चलती है। मेरा ही तो साया है वो, लेकिन मुझ को खलती है। कुछ वक्त कटा, कुछ उम्र बढी़, मेरा मन भी अब छल आया। मेरी आंखों के आगे फिर से, मेरा बीता कल आया ।। मैं क्यों आगे ना देख सकी, पीछे देखा कुछ घबराई। जीवन की उठाँपटक में मैंने , अपनी सारी उम्र गँवाई ।। बेतुक बातों की गठरी की, खोल चुकी गांठे सारी। क्यों सहे संजोए रखी मैंने, इन यादों से अब हारी ।। दिल…
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