समय रहते क्लिक कर लो l
मैं जिंदगी में विश्लेषक कतई नहीं हूं अवसरवादी ही कह सकते हैं ,अपने मन को प्रसन्न करने का अवसर कहीं से भी ढूंढ लेती हूं ,फलां दिन क्यों मनाया जाता है? अंग्रेजी है, या देशी है फादर डे क्यों मनाते हैं? मदर डे क्यों मनाते हैं ?फ्रेंडशिप डे क्यों मनाते हैं? माता पिता तो सदैव ही पूजनीय है एक निश्चित दिन ही क्यों?जी बिल्कुल, पर मेरा मानना है कुछ जुड़ ही रहा है कम तो नहीं हो रहा, फिर ऐसी अवमानना क्यों? अब कोई हर समय तो हंसते हुए फोटू नहीं खिचा सकता l
हंस रहा हो ,उस समय क्लिक कर लो या क्लिक करवाने के लिए हंस लो, हमारा मुख्य उद्देश्य हंसना है l जीवन के कई ऐसे किस्से ्अंतर्मन की गैलरी में सेव हो चुके होते हैं, घड़ी दो घड़ी पन्ने पलट कर देखने में बड़ा मजा आता है , ऐसे में यादाश्त के मामले में घर में बहुत डांट खाती हूं l क्योंकि मैंने मेरी मेमोरी उन्हीं सब प्यारी सी घटनाओं से फुल कर रखी है, अब कोई प्यारी सी या बहुत ही रोमांचक घटना के लिए ही जगह खाली कर पाती हूं, दूसरा रास्ता है मेमोरी विस्तारित की जाए पर सेट भी तो कॉम्प्टेबल होना चाहिए, हर कोई सही समय पर क्लिक नहीं करता, अजी! कैमरा तो आपके पास भी है जिंदगी के क्षणों को समय रहते क्लिक कर लेना चाहिए l
सिद्धि पोद्दार