रीमा
रीमा की शादी हो गई , मन में अनेक विचार आते की पता नहीं वो उस घर के लोग कौन है ?
शादी के बाद वो एक बहुत बड़े परीवार में आ गई ? शादी के पहलये दिन तो उस को कुछ समज
नई आ रहा था ?की ये सब क्या चल रहा है, वो सोच रही थी की ये सब क्या चल रहा है ,
क्या ये सब इतना मुस्कील होने वाला है ? पर कुछ ही दिन में रीमा ने पूरा घर सभाल लिया ,
बहुत ही जल्द उसने सब का दिल जीत लिया ,सुबह सब के लिए नास्ता बनाना फीर घर के काम
माता पिता की सेवा उनको खाना देना दवा देना ,उनसे बाते करना ,बहुत जल्दी वो उन की सब
खास बनगई ,जल्दी -जल्दी वक्त गुजर रहा था , सब कुछ ठीक हो के भी कुछ ठीक नहीं था ,
शादी को अब २ साल होगये थे ? पर वो माँ नई बन पाई थी , अब वो उदास रहने लगी उस ने
डाक्टर से भी बात की पर बात नई बनी ,फिर रीमा अपने काम में लग गई ,हर समय कुछ न कुछ
करती अपना मन लगाती , पर अब कोई भी उसे पूजा में भी कोई नई बुलाता ?तब उस को उस के
सास ससुर समझते की कोई बात नई सब ठीक हो जायगा ,पर वो जानती थी ,की ये बात तो उस का
दिल बहलाने के लिए बोलते है ,कुछ टाइम बाद रीमा स्कूल में जाने लगी अब वो उन बच्चो में
ही मगन हो गई ,उन बच्चो को ही अपना प्यार ज्ञान देने लगी ,
समय के साथ सब ठीक हो गया ,अब रीमा खुश रहने लगी ,अब कुछ समय के बाद सब ठीक हो
कुछ समय के बाद उस ने एक बच्चा गोद लेलीया , अब सब ठीक हो गया था , अब वो वापस से
अपनी नई जिंदगी में खुश थी ,अब वो बस सब को खुश रखती |
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