ना जाने मन आज उदास है
सब कुछ तो है पर फिरभी आज
मन उदास है पता नहीं
क्यू आज मन कहा – कहा
जा रहा हैं कभी बच्पन की याददों मे
तोह कभी उन याददों मे जिन का
आज दुर दुर तक कोइ ज़िकर
नहीं है ना जाने क्यों आज मन उदास
हैं सब कुछ तो है फिर भी आज मन
उदास है
पुनम