ज्योती
भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद
7.9.2020.
ज्योती क ई होती हैं ज्योती क ई होती हैं।
तन की ज्योति ,
नेत्र ज्योती।
मन की ज्योती, प्रेम ज्योती।
आत्मा की ज्योती,
परब्रह्म ज्योती।
ज्योती क ई होती हैं।
ज्योती क ई होती हैं।
घर में दीपक की ज्योती ।
दिन में ,नभ में सूर्य ज्योती।
रात्रि में, तारों की ज्योती।
त्योहारों या प्रसंगों में,
आतिशबाजी की ज्योती।
ज्योती क ई होती हैं।
ज्योती क ई होती हैं।
समुद्र में दीप स्तंभ,
यज्ञों में पावक लौं।
ओलिंपिक में मशाल।
ज्योती क ई होती हैं।
ज्योती क ई होती हैं।
सबरिमल में ज्योती।
क ई जगह महा ज्योती।
वनों में दावानलों,
क ई जगह अगन विशाल।
पेट्रोलियम, कोयलें की
खानों में आग।
रसोई घर में , गैस के चूल्हों में,
लुहार, सुनार, कुम्हार,बैंकरी की
भठ्ठी में ज्योती।
जिवन की अंतिम ज्योती…
चिता में अग्नि संस्कार!!!
ज्योती क ई होती हैं।
ज्योती क ई होती हैं।
भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद